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Data Structure Introduction

डेटा स्ट्रक्चर (Data Structure)

Data Structure किसी कंप्यूटर सिस्टम में डेटा को स्टोर तथा व्यवस्थित(organised) करने का एक तरीका होता है। जिससे कि हम डेटा का आसानी से इस्तेमाल कर सकें। अर्थात डेटा को इस प्रकार स्टोर तथा organised किया जाता है कि उसको बाद में किसी भी समय आसानी से access किया जा सकें।

डेटा स्ट्रक्चर​ के प्रकार / Type of Data Structure

डेटा स्ट्रक्चर दो प्रकार के होते है:-

  • Primitive डेटा स्ट्रक्चर

  • Non-primitive डेटा स्ट्रक्चर

1. Primitive डेटा स्ट्रक्चर:- Primitive डेटा स्ट्रक्चर वह डेटा स्ट्रक्चर होता है जिसे direct ही मशीन instructions से operate किया जा सकता है। अर्थात यह सिस्टम तथा compiler के द्वारा डिफाइन होता है।

2. Non-Primitive डेटा स्ट्रक्चर:- Non-Primitive डेटा स्ट्रक्चर वह डेटा स्ट्रक्चर होता है जिसे direct मशीन instructions से operate नही किया जा सकता है। ये डेटा स्ट्रक्चर primitive डेटा स्ट्रक्चर से derived होते है।
Non-primitive डेटा स्ट्रक्चर दो प्रकार का होता है:-

  • Linear डेटा स्ट्रक्चर

  • Non-linear स्ट्रक्चर

1. Linear data structure:-
linear एक ऐसा डेटा स्ट्रक्चर है जिसमें डेटा items को linear(रेखीय) रूप में संग्रहित तथा व्यवस्थित किया जाता है, जिसमें एक डेटा item दूसरे से एक रेखा के रूप में जुड़ा होता है।
ex:- Array, Linked List, Queue, Stack.

2. Non-linear data structure:-
Non-Linear एक ऐसा डेटा स्ट्रक्चर है, जिसमें डेटा items को क्रमबद्ध (sequential) तरीके से व्यवस्थित नही किया जाता है। जिसमें एक डेटा item किसी भी अन्य डेटा items के साथ जुड़ा हुआ हो सकता है।
ex:-Trees, Graphs, Tables, Sets.

Operations on Data Structure

डेटा स्ट्रक्चर में डेटा को process करने के लिए विभिन्न data structure operations का प्रयोग किया जाता है जो निम्नलिखित है-

1. Traversing :- डेटा स्ट्रक्चर के प्रत्येक element को केवल एक बार visit करना traversing कहलाता है।

2. Searching :- Data Structure में किसी element को खोजना जो कि एक या एक से अधिक condition को संतुष्ट करता हो।

3. Inserting :- data structure में समान प्रकार के element को जोड़ना(insert) insertion कहलाता है। डेटा स्ट्रक्चर में element को कही भी add किया जा सकता है।

4. Deleting :- डेटा स्ट्रक्चर में से element को remove करना Deletion कहलाता है। डेटा स्ट्रक्चर में element को कही से भी remove किया जा सकता है।

5. Sorting :- Data Structure में elements को ascending तथा descending क्रम में arrange(क्रमबद्ध) करना Sorting कहलाता है।

6. Merging :- दो भिन्न-भिन्न डेटा files में स्थित elements को एक डेटा file में combine कर स्टोर करना Merging कहलाता है। 

Algorithm

एल्गोरिथ्म शब्द का अर्थ है ” कॅल्क्युलेशन्स या अन्य समस्या-समाधान ऑपरेशन में पालन की जाने वाली नियमों की एक प्रक्रिया या सेट”। इसलिए एल्गोरिथ्म नियमों / निर्देशों के एक सेट को संदर्भित करता है जो चरण-दर-चरण परिभाषित करते हैं कि अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए किसी कार्य को कैसे निष्पादित किया जाना है।

एल्गोरिदम (Algorithm) एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें नियमों के सेट कि क्रमानुसार तब तक गणना की जाती है जब तक इच्छित परिणाम प्राप्त न प्राप्‍त जायें समस्‍या हल होने पर एल्गोरिदम समाप्त होगा

Complexity of Algorithm

किसी algorithm की Complexity एक Function होता है जो किसी input data के आधार पर data की  Process में लगने वाले समय या स्पेस या दोनों दर्शाता है| इसी के आधार पर Complexity को दो भागों में बांटा जाता है

1.Time (समय) Complexity

2.Space (स्पेस) Complexity

 

1. Time (समय) Complexity

एक algorithm की time complexity, अल्गोरिथम के द्वारा अपनी process को पूरा करने में लगने वाले कुल समय की मात्रा है. ज्यादातर अल्गोरिथम की टाइम कॉम्प्लेक्सिटी को Big O notation का उपयोग करके व्यक्त किया जाता है। यह एक asymptotic notation है. इसको व्यक्त करने के सभी notations निम्नलिखित है.

Big O – O(n),

Bi.g Theta –  Θ(n)

Big Omega – Ω(n)

execution को समाप्त करने के लिए किसी भी एल्गोरिथम द्वारा perform किये गए steps की संख्या की गिनती (counting) के द्वारा time complexity को estimate किया जाता है.

 

2. Space (स्पेस) Complexity

एक algorithm की space complexity अल्गोरिथम के द्वारा ली गयी space की मात्रा है. स्पेस कॉम्प्लेक्सिटी के अंदर auxiliary space तथा input के द्वारा use लिया गया space दोनों आते हैं.

Auxiliary space जो है वह algorithm के द्वारा execution के दौरान प्रयोग किया गया temporary space या extra space होता है.

एक अल्गोरिथम की space complexity को Big O (O(n)) notation के द्वारा व्यक्त किया जाता है.

बहुत सारीं algorithms के पास inputs होते हैं जो size में भिन्न भिन्न होते हैं. ऐसी स्थिति में space complexity जो है वह input के size पर निर्भर रहती है.

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